Ram Lalla Jewellery: रामलला के दिव्य आभूषण को गहन शोध और अध्ययन के बाद 14 दिन में तैयार किया गया है। इसके लिए अध्यात्म रामायण, वाल्मिकी रामायण, रामचरितमानस और आलवन्दर स्तोत्र जैसे ग्रंथों में श्रीराम की शास्त्रोक्त महिमा का वर्णन करने में सहायता ली गई है।
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Ram Lalla Jewellery
भगवान श्री राम अपने महल में विराजमान हो चुके हैं। अपने भव्य निवास की सुंदरता बढ़ा रहे भगवान श्री राम अपने दिव्य आभूषणों और वस्त्रों से आध्यात्मिकता और परंपरा का परिचय दे रहे हैं। इन दिव्य आभूषणों को गहन शोध और अध्ययन के बाद 14 दिनों में तैयार किया गया है। इसके लिए अध्यात्म रामायण, वाल्मिकी रामायण, रामचरितमानस और आलवन्दर स्तोत्र जैसे ग्रंथों में श्रीराम की महिमा का शास्त्रानुसार वर्णन करने के लिए सहायता ली गई है।
कौस्तुभ मणि
कौस्तुभमणि भगवान के हृदय में स्थित है। इसे बड़े माणिक और हीरे के आभूषणों से सजाया गया है। शास्त्रों में कहा गया है कि भगवान विष्णु और उनके अवतार कौस्तुभमणि को अपने हृदय में धारण करते हैं।
तीर-धनुष
भगवान के बायें हाथ में मोती, माणिक और पन्ना से सुसज्जित एक सुनहरा धनुष है, जबकि उनके दाहिने हाथ में एक सोने का तीर है।
मुद्रिका
रामलला के दोनों हाथों में रत्नों से सजी अंगूठियां और मोती लटके हुए हैं।
कंगन
भगवान की दोनों कलाइयां रत्नजड़ित कंगनों से सुशोभित हैं।
पादिका
रामलला को गले के नीचे और नाभि के ऊपर एक हार पहनाया गया है जो उनकी दिव्यता को दर्शाता है। यह आभूषण हीरे और पन्ने से बना पांच धागों वाला हार है, जिसमें एक बड़ा और सुंदर लॉकेट है।
वैजयंती या विजयमाला
रामलला के गले का यह तीसरा और सबसे लंबा हार है जो सोने का बना है और बीच में माणिक जड़ा हुआ है। विजय के प्रतीक के रूप में पहना जाने वाला आभूषण वैष्णव परंपरा के शुभ चिन्हों – सुदर्शन चक्र, कमल, शंख और मंगल कलश को दिखाता है। इसमें कमल, चंपा, पारिजात, कुंड और तुलसी हैं।
वस्त्र
रामलला को पीली धोती और लाल पटका/अंगवस्त्रम सहित बनारसी वस्त्र पहनाये गये हैं। ये अंगवस्त्रम शुद्ध सोने की ज़री और धागों से सजाए गए हैं। इन पर शुभ वैष्णव चिह्न-शंख, कमल, चक्र तथा मृगतृष्णा बना हैं।
मुकुट
उत्तर भारतीय शैली में बना श्री राम लला का मुकुट सोने का बना है और इसे माणिक, पन्ना और हीरे से बनाया गया है। मुकुट के ठीक बीच में सूर्य देव का प्रतीक बना है। मुकुट के दाहिनी ओर मोतियों की लड़ियाँ करीने से बनायी गई हैं। भगवान राम के माथे को हीरे और माणिक से बने पारंपरिक शुभ तिलक से सजाया है।
कुंडल
श्री राम लला द्वारा पहने गए झुमकों को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि वे उनके मुकुट से मेल खाते हैं। कान की बाली को मोर के रूप में दर्शाया गया है और यह सोने से बनी है, बाली हीरे, माणिक और पन्ना से भी जड़ी है।
बाजूबंद
भगवान की दोनों भुजाओं पर सोने और कीमती पत्थरों से जड़े बाजूबंद हैं।
चांदी के खिलौने
भगवान के सामने चांदी के झुनझुने, हाथी, घोड़े, खिलौना गाड़ी आदि रखे जाते हैं।
कंठा
भगवान की गर्दन अर्धचंद्राकार रत्नों से जड़ित हार से सुशोभित है। इसमें मंगल ग्रह का प्रतिनिधित्व करने वाले फूल हैं। सूर्यदेव बीच में हैं। सोने से बना यह हार हीरे, माणिक और पन्ना से जड़ा हुआ है। हैंडल के नीचे पन्ने की लड़ियां लगाई गई हैं।
कांची/करधनी
सोने से बना और रत्नों से जड़ित कमरबंद भगवान की कमर पर सुशोभित है। यह हीरे, माणिक, मोती और पन्ने से जड़ा हुआ है। पवित्रता का प्रतीक कमरबंद में छोटी-छोटी घंटियाँ भी बनी हुई हैं।
बिछिया/पैंजनिया
भगवान के पास सोने के घुंघरू और रत्नों से जड़ित पैर की बिछिया/पैंजनिया हैं। इनमें हीरे और माणिक भी हैं।
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